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Nyaya-Anyaya Ke Ekanki

Nyaya-Anyaya Ke Ekanki

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ISBN: 8173151814

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“मेरा असली नाम है चौधरी धरमचंद।”
“असली नाम! क्या मतलब?”
“वैसे तो मेरा, जो है सो, हर मुकदमे में नया नाम होता है, पर असली नाम धरमचंद है।”
“चौधरी धरमचंद, मुझे एक झूठी गवाही दिलवानी है।”
“झूठी? तो कोई और घर देखिए। मैं तो हमेशा सच्ची गवाही देता हूँ। चाहे मौके पे रहूँ या न रहूँ, पर गवाही सच्ची देता हूँ। भगवान् झूठ न बुलवाए, आज तक सैकड़ों गवाहियाँ दी हैं, कोई भी झूठी साबित नहीं हुई।”
—इसी संकलन में पढ़ें
आँखों पर काली पट्टी बाँधे,
हाथों में तराजू लिये खड़ी
न्यायदेवी की अंधी तलवार के शिकार
आम आदमी की व्यथा-कथा को,
नाटकीय और मनोरंजक परिदर्शन में कहते
न्याय-अन्याय के एकांकी
पेशेवर गवाहों और निर्जीव प्रमाणों के सहारे
न्याय का नित नया नाटक रचनेवाली
आधुनिक विदेशी न्याय-प्रणाली का
कच्चा चिट्ठा पेश करते हैं
न्याय-अन्याय के एकांकी

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