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Viraat Purush Rajnitigya Nanaji

Viraat Purush Rajnitigya Nanaji

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ISBN: 9789351860815

INR 400/-

जनसंघ की स्थापना के साथ ही उसमें पदार्पण करने वाले नानाजी देशमुख शायद स्वभाव से ही राजनीतिज्ञ थे। लगभग तीन दशक तक नानाजी देश के राजनैतिक पटल पर छाए रहे। जनसंघ में और उससे बाहर भी। पं. दीनदयाल उपाध्याय के पश्चात् जनसंघ में उनकी छवि एक अद्वितीय संगठक की बनी और पंडितजी के रहते हुए भी देश की राजनीति में एक ऐसे सर्वमान्य राजनेता की, जो अपनी विचारधारा से इतर अन्य दलों को भी साथ लेकर चलने की क्षमता रखता था।

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