Ayodhya Ka Sach
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ISBN: 9788193295670
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इस संकलन में प्रस्तुत लेख सन् १९८६ से २००३ तक लिखे गए हैं। इन लेखों में अयोध्या आंदोलन के विभिन्न चरणों एवं रूपों का विहंगम चित्र प्रस्तुत किया गया है। लेखक स्वयं इस विवाह के ऐतिहासिक पक्ष से जुड़ी बहस में सहभागी रहा है। इन लेखों को पढ़ने से प्रकट होगा कि लेखक ने अयोध्या प्रश्न को एक स्थानीय मंदिर-मसजिद के रूप में देखने की बजाय विदेशी आक्रमणकारियों की मजहबी असहिष्णुता एवं विस्तारवाद की मध्य युगीन विचारधारा की विध्वंस लीला के लक्षण और प्रतीक के रूप में देखता है।