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Dr. Jain Books Combo

Dr. Jain Books Combo

Availability: In stock

ISBN: Combo3

INR 950/-

प्रख्यात शिक्षाविद ,भाषाविद डॉ प्रदीप कुमार जैन की "ग्रंथ -त्रयी" में उनके अगाध चिंतन - मनन के दर्शन तो होते ही हैं साथ ही शिक्षकों के  ज्ञान में भी वृद्धि करते चलते हैं। 2020-21 में सर्वाधिक पसंद की जानेवाली पुस्तकों में शुमार इस ग्रंथ में गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण कार्य हेतु अनेक उपाय सुझाए गये हैं।

दशकंधर - नाटक में रावण के जीवन को तो बताया ही गया है साथ ही उसकी अंतिम रात्रि का चिंतन पढ़ते ही बनता है। वह युद्ध मे जाने से पहले क्या सोच रहा होगा ? और घायल अवस्था मे पड़े रावण ने लक्ष्मण को क्या उपदेश दिया होगा ? पढ़कर अनेक नवीन तथ्य उजागर होंगे।

"वे जा रही है ना "अर्थात "प्रिंसिपल" व्यंग्य संग्रह है, जिसमें लगभग 15 अलग-अलग लेख लिए गए हैं, जो स्कूली जीवन से जुड़े हैं, विशेष रूप से अध्यापकों के साथ अनुभव और प्रिंसिपल के साथ अनुभव को उकेरा गया है।पहला लेख- वो जा रही है ना पठनीय यूँ भी  बन जाता है कि रिटायर होने से पहले की स्थितियों का वर्णन इस लेख में किया गया है।

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