Hindi Shabda Samarthya
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ISBN: 9789353220174
प्रत्येक शब्द का अपना इतिहास होता है। एक शब्द का ठीक व समुचित उपयोग व्यक्ति को आगे बढ्ने का अवसर प्रदान करता है, जबकि एक शब्द के दुरुपयोग से (अंधों के अंधे होते हैं) महाभारत भी हो सकता है। शब्द के उचित प्रयोग और उसकी उपयोगिता तथा हिंदी भाषा संबंधी पर्याय, विलोम, युग्म, पुनरुक्ति, अनेकार्थक आदि विषयों के अतिरिक्त शब्द को लेकर अन्य अनेक दृष्टियों से विस्तारपूर्वक चर्चा की गई है। ‘संक्षिप्तीकरण’, ‘शब्द परिवार’, ‘एक मूल धातु से अनेक शब्दों का निर्माण’, ‘सहप्रयोग और शब्दार्थ’, ‘अंकों की सहायता से शब्द ज्ञान’, ‘शब्द की अनेकार्थता’, ‘अनेक शब्दों के स्थान पर एक शब्द’, ‘शब्दावली में वृद्धि के साधन’, ‘मिलते-जुलते शब्द’, ‘समरूपी भिन्नार्थक शब्द’ जैसे कुछ प्रमुख शीर्षकों से यह आभास स्वत: ही मिल जाता है कि पुस्तक कितनी महत्त्वपूर्ण व उपयोगी होगी। अपने इन गुणों के कारण यह पुस्तक हिंदी शब्दों से संबंधित अन्य पुस्तकों की पंक्ति से अलग, नितांत भिन्न स्वरूप में नजर आती है।
प्रस्तुत पुस्तक पाठकों की हिंदी शब्द संबंधी ज्ञान-संपदा को और अधिक समृद्ध करेगी, ऐसा विश्वास है।