Radio Prasaran
Availability: In stock
ISBN: 8188266264
INR 200/-
भारत जैसे बहुरंगी संस्कृतिवाले देश में जहाँ अनेक धर्म, भाषाएँ, पर्व-त्योहार, रीति-रिवाज तथा खान-पान हैं—रेडियो प्रसारण ने अपने दायरे में सबको समेटा है। इसके कारण स्थानीय संस्कृति, लोक-साहित्य, संगीत आदि को संरक्षण मिला है। वास्तव में रेडियो प्रसारण के कारण ही यह धरोहर श्रव्य रूप में संरक्षित है।