Deendayal Upadhyay Sampoorna Vangmaya (Set 15 Vol.)
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ISBN: 9789386231314
INR 6000/-
एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान
क्या बाजारवाद (पूँजीवाद) तथा राज्यवाद (साम्यवाद) विचारधाराएँ आधुनिक मानव को भीतरी सुख दिला सकती हैं? क्या इस देश के करोड़ों लोग पश्चिमी अवधारणाओं के अनुसार ही जीवन जीने को अभिशप्त हैं? क्या भारत की प्रजा के पास इसका कोई समाधान नहीं है?