Swadheenta Senani Lekhak-Patrakar
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ISBN: 9789386001276
INR 400/-
भारतीय पत्रकारिता का इतिहास राष्ट्रीयता के भाव का संपोषक और स्वातंत्र्य-संघर्ष में संलग्नता के लिए उद्बोधक रहा है। स्वातंत्र्य-चेतना का जागरण अधिकतर पत्रकारों का ही अभियान था। स्वतंत्रता-प्राप्ति के लिए जब भी जहाँ-जहाँ आंदोलन हुए, उस संघर्ष में पत्रकारिता ही मर मिटने का केसरिया बाना पहनकर संग्राम में उतरी। इस मुक्ति-संघर्ष में कवियों, लेखकों, पत्रकारों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही, जिसे रेखांकित करना ही इस पुस्तक का उद्देश्य है।