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Prabhat Sookti Kosh

Prabhat Sookti Kosh

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ISBN: 9789389982053

INR 600/-

सूक्तियाँ गागर में सागर भरे वे शब्द समूह हैं, जो सीधे मर्म पर चोट करते हैं। इन शब्दों में ऐसी शक्ति होती है कि ये इनसान को सोचने के लिए मजबूर कर देते हैं और कई बार वह क्षण जीवन का महत्त्वपूर्ण मोड़ साबित होता है, जो जीवन की दशा और दिशा को बदलकर रख देता है, यह व्यक्ति का मानो नया जन्म होता है; उसका चीजों को देखने का दृष्टिकोण पूरी तरह बदल जाता है।

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