1000 Samajshastra Prashnottari (PB)
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ISBN: 9789352669066
INR 175/-
एक पृथक् व स्वतंत्र विषय के रूप में समाजशास्त्र का प्रादुर्भाव पिछली शताब्दी में ही हुआ है । मनु, कौटिल्य, कन्फ्यूशियस, लाओत्से, प्लूटो, सुकरात तथा अरस्तू आदि अनेक प्रसिद्ध सामाजिक दार्शनिक हुए हैं । सामाजिक घटनाओं के व्यवस्थित व क्रमबद्ध अध्ययन तथा विश्लेषण हेतु एक पृथक् एवं स्वतंत्र विज्ञान समाजशास्त्र का नामकरण फ्रांसीसी विद्वान् ऑगस्त कॉम्ट ( 1798 - 1857) ने किया ।