Pihu Bole
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ISBN: 9788193288870
INR 200/-
यह संग्रह विशुद्ध बालगीत-संग्रह है, ऐसा नहीं। चूँकि किशोर भविष्य की दहलीज के रूप में होते हैं, इसलिए बच्चों के साथ-साथ किशोर युवाओं को भी ध्यान में रखा गया है। कुछ कविताएँ इसमें विशुद्ध मनोरंजकपरक हैं तो कुछ उद्देश्यपरक और ज्ञानवर्द्धक भी। नैतिकता, संस्कार और संवेदना की बात करते हुए इसमें मानवता को सर्वोपरि रखा है।
इस संग्रह में उन बच्चों के लिए कुछ प्रेरणादायी गीत भी हैं, जो जीवन से हताश-निराश हैं, असफल हैं और बेरोजगार हैं। शायद इन गीतों को पढ़कर उन्हें प्रेरणा मिले। वैसे इससे पूर्व भी लगभग सभी कवियों ने ऐसे गीतों की रचना की है, लेकिन अगर इन गीतों से किसी को दिशा मिली तो लेखिका के जीवन की यह सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। प्रेरणा का स्रोत कहीं और नहीं, खुद के भीतर होता है।