Jeevan Sopan
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ISBN: 8188140406
INR 200/-
एक महिला ने कहा, “आप भी बहनजी, बेकार परेशान हो रही हैं। अरे, इस लड़की को इलाज के लिए अगर मेंटल हॉस्पिटल में भेज देंगे तो इनके घर का सारा काम कौन सँभालेगा? इस लड़की की माँ को आप नहीं देख रही हैं, कैसा नाटक बनाकर रो रही है! दिन भर बीमार बनी पलंग पर पड़ी रहती है। यही लड़की उसकी तीमारदारी में भी लगी रहती है और पलटन भर भाई-बहनों को भी सँभालती है। जरा सी चूक हुई कि वह शिकायतों की फेहरिस्त अपने खसम को थमा देती है और यह बेचारी इसी तरह पिटती है।”