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Ek Tha Aadmi

Ek Tha Aadmi

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ISBN: 9789380183596

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मैं हक्का-बक्का रह गया। वह मछली ही थी। मछली के सिवा ऐसा कोई हँस ही नहीं सकता। थोड़ी ज्यादा लंबी हो गई थी।
बदन हृष्‍ट-पुष्‍ट हो गया था। कुछ श्‍याम हो गई थी। घुटनों तक पहुँचने वाले बाल सूखे थे।

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