Swapan Bhang
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ISBN: 9789383111350
INR 200/-
“ना बबुआ ना, रोइए नहीं। मैं आपके आँसू नहीं देख सकता।”
वे और रोने लगे। मैंने उनका सिर अपने हाथों में भर लिया और आँसू पोंछने लगा। वे बच्चे की तरह मेरी गोद में भहरा उठे। कुछ देर बाद बोले, “कहाँ रहे दिन भर?”
“खेतों में आपके साथ घूमता रहा।”