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Kahi-Ankahi (Poems)

Kahi-Ankahi (Poems)

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ISBN: 9789390366514

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यह नियति ही है

जिसे भोगना है

सोचती हूँ हँसकर झेलूँ

पर जब भी ये सोचती हूँ रो पड़ती हूँ

भरे गले से तुम्हारा नाम लेना चाहती हूँ

तुम्हें कृतज्ञता के दो शब्द कहना चाहती हूँ।

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