Chand Tum Gawah Rahna
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ISBN: 9789386300669
INR 250/-
सोलह बरस के पत्रकारिता कॅरियर और छत्तीस बरस की ज़िंदगी के स़फर में जो रंग देखे, उन्हें बस कह दिया, ताकि यहाँ की बातें यहीं कहता चलूँ और जाते व़क्त दिल पर कोई बोझ न हो।
जो कहा, वो रत्ती भर भी काल्पनिक नहीं है, सब देखा, सुना और महसूस किया और बिना किसी ल़फ़़्फाज़ी के वैसा-का-वैसा कह दिया और यही मेरी किताब की सबसे बड़ी खासियत है।