इस संसार में कोई जीवन ऐसा नहीं, जहाँ सिर्फ पाना ही पाना हो, खोना हो ही नहीं। कुछ खो जाए तो तकलीफ तो बेशक होती है, पर हम हारें नहीं, यही संदेश ये कविताएँ प्रवाहित कर रही हैं। साथ ही बता रही हैं कि प्रेम का बल ही, प्रेम यानी पवित्रता का बल ही हमें पराजय-बोध से दूर रखकर जीवन से जोड़े रख सकता है।
—सूर्यकान्त बाली