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Tumhen Kya Bequarari Hai

Tumhen Kya Bequarari Hai

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ISBN: 9789382898467

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जब तनहाइयाँ बोलती हैं, आहटें वीरान गलियों में स़फर करती हैं, यादें अजनबी दस्तकों से लिपटकर रोने लगती हैं, बेमंज़िल की तलाश में मुसाफिर एक उम्र गुज़ार देता है, मुहब्बत किसी शर्त के ब़गैर रिश्तों को नई बुलन्दियाँ अता करती हैं, हाशिए पर बिखरे हुए आवारा ल़फ्ज़ों को एक पहचान मिल जाती है, रचनात्मकता की तेज़ लहरें पत्थरों में भी राह बना लेती है...

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