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Shreshtha Hasya-Vyangya Ekanki

Shreshtha Hasya-Vyangya Ekanki

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ISBN: 9788173150999

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वस्तुतः व्यंग्य में यदि हास्य नहीं होगा तो वह कोतवाल का हंटर हो जायेगा। उसकी पोड़ा से तिलमिलाकर अभियुक्त कैसा अनुभव करेगा, उसे आप अच्छी तरह समझ सकते हैं।

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