Dashankdhar
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ISBN: 978-93-87919-65-5
INR 180/-
*इसमें मुख्य रूप से रावण की जन्म कथा से लेकर मरने से पूर्व रात्रि के ऊहापोह ,विवशता, हठ , अंतर्द्वंद्व को दर्शाया गया है। रावण विद्वान था,क्या उसने तर्क वितर्क न किया होगा ?
*किंवदंतियों में प्राप्त मरते हुए रावण और लक्ष्मण के संवाद का इस नाटक में पहली बार विस्तार से वर्णन किया गया है।दोनों के बीच क्या बातचीत हुई होगी ?
*पहली बार रामायण पर आधारित , पाद, टीका- टिप्पणी सहित शोध ग्रंथ ही बन गया है।