close

Chune Hue Rashtriya Geet

Chune Hue Rashtriya Geet

Availability: In stock

ISBN: 9789386871107

INR 500/-
Qty

भारतीय कवि और साहित्यकार प्रारम्भ से ही राष्ट्रीयता की पवित्र भावना को अपने काव्य औैर चिंतन का विषय बनाते रहे हैं, जब-जब भी आवश्यकता हुई है, कवियों ने वीरों की शिराओं में बहते रक्त की गति को तीव्र करने के लिए ओज और वीरता के गीत गाए हैं ताकि शत्रु की ललकार को अपने लिए चुनौती मानकर वे राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में अपना सर्वस्व होम कर दें।
—इसी पुस्तक से

close