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Kahavaton Aur Muhavaron Ki Kahaniyan

Kahavaton Aur Muhavaron Ki Kahaniyan

Availability: In stock

ISBN: 978-8193432525

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कुछ बातें-कहावतों और मुहावरों के बारे में हमारे दैनिक जीवन में हम अनेक कहावतों और मुहावरों का प्रयोग करते हैं। ये कहावतें और मुहावरें हमारे जीवन में अच्छी तरह रच-बस गए हैं। यह कहना बड़ा मुश्किल है कि इनकी शुरुआत सबसे पहले कौन सी भाषा में और कौन से स्थान पर हुई। हमारे देश में कहावतों की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों में कहावतों का प्रयोग मिलता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हिंदी में सभी कहावतें संस्कृत से ही आई हैं। हिंदी में भी बहुत सी नई कहावतें गढी गई हैं। हिंदी में कहावत को लोकोक्ति या सूक्ति भी कहा जाता है। हिंदी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं, जैसे-तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगला, गढ़वाली, कुमाऊँनी, भोजपुरी, अवधी, राजस्थानी आदि में भी अपनी अलग कहावतें हैं। वैसे एक भाषा से दूसरी भाषा में इनका आदान-प्रदान शुरू से होता आया है। अंग्रेजी में कहावत को ‘प्रोवर्ब' कहा जाता है। अंग्रेजी की अपनी कहावतें हैं। कुछ अंग्रेजी कहावतें हिंदी कहावतों से मिलती-जुलती हैं, जैसे-अंग्रेजी की कहावत ‘माइट इज राइट' का हिंदी रूपांतर ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस' है। इस कहावत की कहानी इस पुस्तक में है। मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है। संस्कृत में इसके लिए वाग्धारा, वाग्वृत्ति या वाग्रीति शब्दों का प्रयोग होता है। अंग्रेजी में इसे 'ईडियम' कहा जाता है। वैसे तो हिंदी में भी अनेक कहावतें और मुहावरे प्रचलित हैं उन सबसे जुड़ी हुई कहानियाँ भी हैं। इस पुस्तक में हम कुछ कहावतों और मुहावरों से जुड़ी हुई कहानियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं। यदि ये कहानियाँ पाठकों को अच्छी लगी तो हम कुछ और कहावतों और मुहावरों से जुड़ी हुई कहानियाँ लेकर पाठकों के सामने उपस्थित होंगे। -लेखक

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