
Badrinath Kapoor ,Shiv Kumar Awasthi ,R Ratnesh
Badrinath Kapoor
कोश कला के आचार्य श्री रामचंद्र वर्मा के सुयोग्य शिष्य डॉ. बदरीनाथ कपूर हिंदी की शब्द सामर्थ्य को प्रकट और प्रतिष्ठापित करने के अनुष्ठान में आधी सदी से जुटे हुए हैं। डॉ. कपूर की अब तक 32 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से अधिकांश शब्दकोश, 3 जीवनियाँ और 5 अनुवाद ग्रंथ हैं। डॉ. कपूर ने आचार्य रामचंद्र वर्मा के तीन महत्त्वपूर्ण कोशों का संशोधन-परिवर्द्धन कर उनकी स्मृति और अवदान को अक्षुण्ण बनाए रखने का स्थायी महत्त्व का कार्य किया है।
Shiv Kumar Awasthi
डॉ. शिवकुमार अवस्थी रसायन विज्ञान में एम.एस-सी. व पी-एच.डी. हैं। कुछ समय अध्यापन के बाद वे मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी में पदस्थ हुए और संचालक के पद से अवकाश ग्रहण किया। दस वर्षों तक मध्य प्रदेश भोज विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सलाहकार एवं ज्ञानवाणी भोपाल के स्टेशन मैनेजर रहे। हिंदी पुस्तकों के संपादन में उनकी दक्षता सुपरिचित है। ‘एक भारतीय आत्मा’ माखनलाल चतुर्वेदी पर उनका मोनोग्राफ गागर में सागर है।
R Ratnesh
हिंदी और संस्कृत में स्नातकोत्तर डॉ. आर. रत्नेश ने हिंदी में पी - एच. डी. की उपाधि प्राप्त की है । उच्च शिक्षा में अध्यापन के सुदीर्घ अनुभव के साथ - साथ उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से युवा पीढ़ी को संस्कारित करने का कार्य किया । ' हिंदी नाटकों में राष्ट्रीय नैतिक चेतना, ' ' पं. लक्ष्मीनारायण मिश्र के नाटक ' और चंद्रकला नाटिका- ' पं. विश्वनाथ कविराज ' उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं । संप्रति हिंदी पत्रकारिता की विलुप्तप्राय शब्द - संपदा कोश के संचयन - संपादन कार्य में संलग्न हैं ।