
Manju 'Mann'
मंजु ‘मन’ के लिए बचपन से शब्दों के आग्रह को टालना भारी था, इसलिए भी कि शब्द समय के दबाव के बीच अपना अस्तित्व तलाशते लगते, शब्द ही हैं जो भावों के अस्तित्व को प्रमाणित करते हैं। मंजु मन ने बचपन में ही अपने डॉक्टर पिता राजेंद्र प्रसाद से भाषा और दर्शन की दीक्षा ली। दिल्ली में जनमी मंजु आकाशवाणी के अनेक कार्यक्रमों में कवि के रूप में शामिल हो चुकी हैं। तात्कालिक कविता में भारत सरकार द्वारा अनेक सम्मानों से सम्मानित। वैसे अब तक भाषण, निबंध और अन्य गतिविधियों में दर्जनों पुरस्कार।