
Madan Gopal Sinhal
मेरठ (उ.प्र.) में 15 फरवरी, 1909 को एक व्यवसायी अग्रवाल परिवार में जन्म हुआ। बचपन में ही धार्मिक संस्कारों से पल्लवित हुए। क्षेत्र के जाने-माने संस्कृत विद्वान् पं. मोहनलाल अग्निहोत्री के चरणों में बैठकर संस्कृत भाषा व धर्मशास्त्रों का अध्ययन किया। दंडी स्वामी श्री कृष्णवोधाश्रमजी महाराज तथा स्वामी करपात्रीजी के धार्मिक विचारों ने प्रभावित किया, वहीं विनायक दामोदर सावरकर की ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ तथा ‘हिंदुत्व’ पुस्तकें पढ़कर राष्ट्रीय भावनाओं के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया।
गद्य तथा पद्य में लेखन शुरू किया। 1857, हमारे बलिदान, पुराणों की कथाएँ, धर्म और विज्ञान, बलिदान के पुतले, बालिकाएँ, बड़ों का बचपन, कौन बनोगे, क्रांतिकारी बालक जैसी लगभग साठ पुस्तकों की रचना की। ‘बड़ों का बचपन’ केंद्र सरकार से पुरस्कृत हुई।
‘आदेश’ (मासिक), ‘बालवीर’ पत्रिकाओं का वर्षों तक संपादन किया।
स्मृतिशेष : 18 दिसंबर, 1964।