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Tejen Kumar Basu

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Tejen Kumar Basu

कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक (ऑनर्स) की उपाधि सन् 1969 में प्राप्‍त करने के बाद भामा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई में चार दशक तक कार्यरत रहे। 1980 में मुंबई विश्‍वविद्यालय ने उन्हें पी-एच.डी. की उपाधि प्रदान की। वे सन् 1977-78 में जर्मनी गए, जहाँ न्यूट्रॉन का संलयन-आवरण के साथ होनेवाली अभिक्रियाओं पर कार्य किया। सन् 1988-89 में अतिथि वैज्ञानिक के पद पर उन्होंने स्विट्जरलैंड में थोरियम अभिजनन पर प्रयोगात्मक अध्ययन किया। 1995 में जापान विज्ञान विकास समिति के आमंत्रण पर वे वहाँ थोरियम आधारित संलयन-विखंडन संकर प्रणाली पर कार्य करने गए थे। अब तक उनके 150 से भी अधिक शोध-पत्र एवं कई लेख हिंदी की प्रतिष्‍ठित वैज्ञानिक पत्रिकाओं में प्रकाशित। ‘नाभिकीय ऊर्जा से विद्युत उत्पादन’ पुस्तक के सह लेखक के तौर पर उन्हें 2004 में ‘मेघनाद पुरस्कार’ मिला।संप्रति : भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से सेवानिवृत्ति के बाद परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार ने उन्हें राजा रमन्ना फैलोशिप प्रदान की, जिसके तहत सन् 2009 से प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर में कार्यरत हैं।